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Showing posts from November, 2019

अब्दुल कलाम का जीवन परिचय Information About APJ Abdul Kalam In Hindi

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अब्दुल कलाम का जीवन परिचय Biography Of APJ Abdul Kalam In Hindi – APJ Abdul Kalam  Biography Of APJ Abdul Kalam In Hindi –  डॉ अब्दुल कलाम  Dr Abdul Kalam का पूरा नाम डॉक्टर अबुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम है। अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। कलाम साहब के पिता एक नाविक और मछुआरे थे जिनका नाम जैनुलाबदीन था। कलाम साहब की माँ का नाम अशिअम्मा था। उनका परिवार बहुत गरीब था इसलिए कलाम साहब ने बचपन से ही पिता की काम मे सहायता की थी। कलाम साहब ने बचपन मे अखबार भी बांटा था। स्कूली दिनों में डॉ अब्दुल कलाम पढ़ाई में सामान्य छात्र थे लेकिन पढाई करना उन्हें अच्छा लगता था। उनकी स्कूली शिक्षा रामनाथपुरम के स्कूल में पूरी हुई और कॉलेज की पढ़ाई तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज में पूरी हुई थी। इस कॉलेज से कलाम साहब ने 1954 में भौतिक विज्ञान से स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी। डॉ अब्दुल कलाम ने मद्रास जाकर मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एयरोस्पेस इंजिनीरिंग का कोर्स किया। अब्दुल कलाम की ...

महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती / Mahatma Jyotiba Phule Life History in Hindi

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महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती Mahatma Jyotiba Phule Life History in Hindi महात्मा ज्योतिबा फुले (ज्योतिराव गोविंदराव फुले)  को 19वी. सदी का प्रमुख समाज सेवक माना जाता है. उन्होंने भारतीय समाज में फैली अनेक कुरूतियों को दूर करने के लिए सतत संघर्ष किया. अछुतोद्वार, नारी-शिक्षा, विधवा – विवाह और किसानो के हित के लिए ज्योतिबा ने उल्लेखनीय कार्य किया है. उनका  जन्म  11 अप्रैल  1827  को सतारा महाराष्ट्र , में हुआ था. उनका परिवार बेहद गरीब था और जीवन-यापन के लिए बाग़-बगीचों में माली का काम करता था. ज्योतिबा जब मात्र  एक वर्ष के थे तभी उनकी माता का निधन हो गया था. ज्योतिबा का लालन – पालन सगुनाबाई नामक एक दाई ने किया. सगुनाबाई ने ही उन्हें माँ की ममता और दुलार दिया. 7 वर्ष की आयु में ज्योतिबा को गांव के स्कूल में पढ़ने भेजा गया. जातिगत भेद-भाव के कारण उन्हें विद्यालय छोड़ना पड़ा. स्कूल छोड़ने के बाद भी उनमे पढ़ने की ललक बनी रही. सगुनाबाई ने बालक ज्योतिबा को घर में ही पढ़ने में मदद की. घरेलु कार्यो के ...

Savitribai Phule Biography in Hindi सावित्रीबाई फुले की जीवन

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Savitribai Phule Biography in Hindi सावित्रीबाई फुले की जीवन नाम – सावित्रीबाई फुले जन्म –  3 जनवरी सन् 1831              मृत्यु –  10 मार्च सन् 1897 उपलब्धि –  कर्मठ समाजसेवी जिन्होंने समाज के पिछड़े वर्ग खासतौर पर महिलाओं के लिए अनेक कल्याणकारी काम किये.उन्हें उनकी मराठी कविताओं के लिए भी जाना जाता है. जन्म व विवाह  सावित्रीबाई फुले का  जन्म  महाराष्ट्र के सतारा जिले के नायगाँव नामक स्थान पर 3 जनवरी सन् 1831 को हुआ। उनके  पिता  का नाम खण्डोजी नेवसे और  माता  का नाम लक्ष्मीबाई था। सन् 1840 में मात्र नौ वर्ष की आयु में ही उनका विवाह बारह वर्ष के ज्योतिबा फुले से हुआ।                                                     MAHATMA JYOTIBA PHULE स्वयं हुईं शिक्षित और छेड़ी महिला-शिक्षा की मुहीम  महात्मा ज्योतिबा फुले स्वयं...

DR. BHIMRAO AAMBEDKAR डॉ.भीमराव आंबेडकर

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                                                         DR. BHIMRAO AAMBEDKAR 20वीं शताब्दी के श्रेष्ठ चिन्तक, ओजस्वी लेखक, तथा यशस्वी वक्ता एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री डॉ. भीमराव अम्बेडकर भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माणकर्ता हैं। विधि विशेषज्ञ, अथक परिश्रमी एवं उत्कृष्ट कौशल के धनी व उदारवादी, परन्तु सुदृण व्यक्ति के रूप में डॉ. आंबेडकर ने संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। डॉ. आंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक भी माना जाता है। छुआ-छूत का प्रभाव जब सारे देश में फैला हुआ था, उसी दौरान 14 अप्रैल, 1891 को बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का जन्म हुआ था। बचपन से ही बाबा साहेब ने छुआ-छूत की पीङा महसूस की थी। जाति के कारण उन्हें संस्कृत भाषा पढने से वंचित रहना पड़ा था। कहते हैं, जहाँ चाह है वहाँ राह है। प्रगतिशील विचारक एवं पूर्णरूप से मानवतावादी बङौदा के महाराज सयाजी गायकवाङ ने भीमराव जी को उच्च शिक्षा हेतु तीन साल त...

AMOL GHODKE ISHQ SUPIYANA SONG

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                                                   https://youtu.be/EyY8TpIZkoE                                                                                              AMOL GHODKE ISHQ SUPIYANA SONG 

Gandhi Jayanti Speech in English

Gandhi Jayanti Speech in English A very good morning to the excellencies, respected Principal sir, teachers and my dear colleagues. My name is … I study in class … standard. I would like to recite a speech on Gandhi jayanti. First of all I would like to say a big thank to my class teacher for giving me an opportunity to speech on this great occasion. As we all know that we gathered here every year to celebrate 2nd October, the birth anniversary of Mahatma Gandhi. My dear friends, Gandhi Jayanti is not celebrated only in our country however it is celebrated as an event all over the world. 2nd of October is celebrated as Gandhi Jayanti in India however as International Day of Non-Violence all across the world as he was a preacher of non-violence throughout his life. His full name is Mohandas Karamchand Gandhi however popularly known as Bapu, Mahatma Gandhi or Father of the nation. He was born on 2nd October in 1869 at Porbunder, Gujrat. At this day, the President and Prime Ministe...

महात्मा गांधी जयंती पर भाषण gandhi jayanti speech

महात्मा गांधी जयंती पर भाषण सभी माननीय, आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी को सुबह का नमस्कार। मेरा नाम राहुल है, मैं कक्षा 7 में पढ़ता हूँ। मैं गाँधी जयंती के अवसर पर एक भाषण देना चाहूँगा। सबसे पहले मैं अपने क्लासटीचर को धन्यवाद देना चाहूँगा जिन्होंने इतने महान अवसर पर भाषण देने के लिये मुझे मौका दिया। जैसा कि हम सभी जानते है कि हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी का जन्मदिन मनाने के लिये हम सब इकट्ठा होते हैं। मेरे प्यारे दोस्तों, गाँधी जयंती केवल अपने देश में ही नहीं मनाया जाता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में पूरे विश्व भर में मनाया जाता है क्योंकि वह अपने पूरे जीवनभर अहिंसा के एक पथ-प्रदर्शक थे। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है हालाँकि वह बापू और राष्ट्रपिता तथा महात्मा गाँधी के नाम से प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। इस दिन पर, नयी दिल्ली के राजघाट पर महात्मा गाँधी को उनके समाधि स्थल पर भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के द्वारा प्रार्थना, फूल, भजन आदि के द्वारा श्रद्धाजलि अर्पित की जाती है।...

14 नवंबर बाल दिवस पं. जवाहरलाल नेहरू

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14 नवंबर  बाल दिवस     के रूप में मनाने का औचित्य यह है कि पं. जवाहरलाल नेहरू बच्चों को देश का भविष्य मानते थे। उनकी यह अवधारणा सौ फीसदी सत्य है, क्योंकि आज जन्मा शिशु भविष्य में राजनीतिज्ञ, वैज्ञानिक, लेखक, शिक्षक, चिकित्सक, इंजीनियर या मजदूर कुछ भी बने आखिर राष्ट्र निर्माण का भवन इन्हीं की नींव पर खड़ा होता है। पं. नेहरू प्रौढ़ और युवाओं की तुलना में ज्यादा स्नेह और महत्व बच्चों को दिया करते थे। इसी भावना को समझते हुए समाज ने उन्हें चाचा नेहरू की उपाधि से विभूषित किया। इसलिए आज भी  14 नवंबर   का दिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। पं. नेहरू यूं  तो सारे जहान के गुण अपने अंतर्मन में समेटे हुए थे, राष्ट्र निर्माण की भावना, विश्व बंधुत्व की लालसा, अहिंसा एवं समाजवाद की अविरल धारा बहाने का भी उन्होंने पुरजोर प्रयास किया था।   सदियों की गुलामी के बाद जब देश को आजादी मिली तो आजादी के प्रथम दिन से ही देश की बागडोर अपने कर्मठ हाथों में संभाल ली। उनके राजनीतिक हाथ इतने मजबूत और सशक्त थे कि भारतीय जनता ने उनकी शासन करने की क्षमता को सराहा और पसंद ...

बाल दिवस पर निबंध baaldin eassy in hindi

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  पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहबाद में हुआ था। उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। नेहरू जी का बच्चों से बड़ा स्नेह था और वे बच्चों को देश का भावी निर्माता मानते थे। बच्चों के प्रति उनके इस स्नेह भाव के कारण बच्चे भी उनसे बेहद लगाव और प्रेम रखते थे और उन्हें चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। यही कारण है कि नेहरू जी के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे नेहरू जयंती कहें या फिर बाल दिवस, यह दिन पूर्णत: बच्चों के लिए समर्पित है। इस दिन विशेष रूप से बच्चों के लिए कार्यक्रम एवं खेल-कूद से जूड़े आयोजन होते हैं। बच्चे देश का भविष्य हैं, वे ऐसे बीज के समान हैं जिन्हें दिया गया पोषण उनके विकास और गुणवत्ता निर्धारित करेगा। यही कारण है कि इस दिन बच्चों से जुड़े विभिन्न मुद्दों जैसे शिक्षा, संस्कार, उनकी सेहत, मानसिक और शारीरिक विकास हेतु जरूरी विषयों पर विचार विमर्श किया जाता है।                                            ...